डल झील ट्रिप
मैं कैलाश प्रसाद साहू हूँ, यात्रा करना मेरी शौक है ,मै अपनी श्रीनगर की यात्रा कश्मीर (डल झील). के विषय
आज चर्चा करने जा रहा हूँ ।
मैं स्वभाव से एक लेखक और यात्री हूँ, यह शहरों, पहाड़ों, समुद्र तटों और सांस्कृतिक मूल्यों की जगहों की यात्रा करने के लिए मेरा शौक है.
हाल ही में, मैं डल झील का दौरा करने की योजना बनाई है.
कश्मीर की मेरी यात्रा के साथ, मैं तो बस आप के साथ, अपने अनुभवों को साझा कर रहा हूँ, तो मुझे लगता है कि यह आपकी यात्रा सुखद और मनोरंजक बनाने के लिए आपको मदद मिलेगी.
हम निजी बस सेवा से सुबह में श्री नगर पहुँच गए । हम अपने लिए यहां एक होटल को बुक किया ,यह होटल सभी सुविधाओं के साथ उपलब्ध था, वे रेस्तरां वाले हर तरह की सुविधा, कपड़े धोने और पैकेज में यात्रा के लिए गाइड प्रदान कर रहे थे.
इसलिए हमारे लिए यह अच्छा फैसला था की , हमें अलग- अलग जगहों पर सुबिधाओ को पाने के बार-बार मोल-टोल नहीं करने की जरुरत नहीं होगी।
होटल प्रबंधक ने हमारे लिए दो दिनों के लिए हाउस बोट पर रहने का आश्वाशन दिया इस से हमें दोनों जगहों पर नाव और होटल दोनों का अनुभव होगा, हम ने बहुत खुशी महसूस किया,
मैं खुद को ताज़ा करने के बाद बाजार के लिए चला गया, श्रीनगर में मैंने व्यक्तियों को सेब,स्ट्राबेरी ,चीकू अंजीर अखरोट इत्यादि बेचते हुए देखा , मैं पहले ऐसा कभी नहीं देखा था, मैं बस जानकारी के लिए सेब की कीमत पूछा,सोच रहा था की वह प्रति किलो 80 से 90 रुपये कहेंगे.मुझे आश्चर्य हुआ , की उसने कीमत सिर्फ 20 रुपये प्रति किलो बतायी . मेरा मुँह मैं पानी भर आया ,मैं सेब 1 किलो के बजाय 5 किलो लिया. हम और हमारे परिवार ने होटल में सेब पार्टी का आनंद लिया।
दुकानों और स्टालों की मैंने कैमरे से चित्र लेने शुरू कर दिया, मैं मन में
मैं पहले से ही शॉल, जैकेट, टोपी और कई ऊनी वस्तुओं के बारे में बहुत सुना है, मैंने ऊनी कपड़ा लेने का फैसला किया है .
मेरी बेटी ने दो सुंदर स्वेटर और बहुत से सूट का चयन किया. मैं एक ऊनी गाउन खरीदा. दुकान के मालिक का हमारे साथ बहुत दोस्ताना सम्बन्ध बन गया था और कीमत बहुत कम था ,मेरे घर शहर की तुलना में , .
हम लाल चौक बाजार से रेस्तरां के लिए वापस आ गया , भोजन के लिए वेटर से मेनू लिस्ट के बिषय में पूछा तथा खाना मंगवाया , शाम में डल झील के लिए निकलना था , वहा सिकारा किराए पर उपलब्ध हैं और
सभी सिकारा मालिकों की भीड़ थी ,वहा डल झील के किनारे पर पहुंच कर हमारी असली यात्रा शुरू हुई । एक जवान लड़का मेरे पास आया और पेशकश की कि तीन घंटे के दौरे के लिए उचित मार्गदर्शन करेगा ,
प्राकृतिक दृश्य, पहाड़, बादल और आकाश के लिए अविश्वसनीय था, झीलों के पानी बहुत सुंदर लग रही थी , और मुझे लगा कि किसी ने जो कहा था , कि इस पृथ्वी पर अगर कही स्वर्ग है, तो यही है , यही है । बास्तव में इसे धरती का असली स्वर्ग कहा जाय तो सही ही होगा ।
एक सिकारा मेरे सिकारे के पास आया और उसने कहा कि भुना हुआ अनाज खरीदने के लिए मुझसे पूछा था, वह सिकारा पर मुझे मकई लेने की पेशकश कर रहा था ,.आप वहा पर डल झील की सैर करते हुए खाने पीने का सामान बिकते हुए देख सकते है , बहुत सारे सिकारे पर अपना दुकान खोल रक्खे है, फोटो खिचवा सकते है , वहा के बेश -भूसा में,बहुत ही
आनंददायक रहा ये कश्मीर दल झील की यात्रा ।
आशा है जीवन में कम से कम एक बार तो कश्मीर का टूर कर लेना चाहिए बास्तव में स्वर्ग ही है ,